// लोपामुद्रा //
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लो- लोगों के दिल में रहने वाली
पा- पावन हृदय में प्रेम संजोने वाली
मु- मुश्किलों से लड़ते हुए आगे बढ़ने वाली
द्रा- द्राव्य की तरह हर रिश्तों में घुल जाने वाली
लोपामुद्रा- नायाब तारे का नाम,
दक्षिण दिशा की शान है,
अगस्त्य मंडल में उदित होता है,
एक विदूषी और वेदाज्ञी नारी
अगस्त्य मुनि की धर्म पत्नी कहलाती है।
पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री है,
कृष्णेक्षणा के नाम से जानी जाती है,
ऋग्वेद में कई मंत्र श्लोक की जन्मदात्री है,
ज्ञान दर्पण वो आध्यात्मिकता की प्रतिष्ठात्री है।
सहनशीलता, क्षमा, दयालु और तपस्वी है,
ललिता सहस्रनाम स्तोत्र पाठ की प्रचारिका है,
महाभारत, ब्रह्मपुराण में मंत्रों संग स्थापित है,
ललितोपाख्यान में श्लोक में समाई शिक्षिका है।
धन्य है मेरे माता पिता जो नाम चयन ऐसा किया,
एक विदूषी संग उम्र भर के लिए रिश्ता जोड़ दिया।
अर्थ जान कर अभिभूत हो रहे हैं अपने नाम संग,
लोपा या कोशीतकी, परिचय प्रदान अनोखा किया।
वरप्रिया है, हृदय में प्रेम धारा बरसा कर स्थापित हो,
ऐसा कुछ जीवन में खुशियों का संभार है ईश ने दिया,
लेखन जगत में कदम रखकर, मूल्यांकन हम कर पाए,
"लोपामुद्रा" के नाम से पहचान बना, ख़ुद को मान दिया।
जीवन मंत्र को सिद्ध करने को तैयार हमेशा रहती है,
प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुकूलता ढूँढती रहती है,
हर व्यक्ति के हृदय में प्यार से सजना हमेशा चाहती है,
सहायक बन, सबको सम्मानित कर, सबके संग चलती है।
अति सुन्दर रचना 💐💐💐
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